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Phalit Jyotish – Ek Samikshatmak Vivechna tatha Vartman Samaya me Uski Prasangikta

(7 customer reviews)
978-93-6252-069-2 PAPERBACK FIRST EDITION

Meet The Author

आज के बुद्धिजीवी समाज तथा आधुनिक विज्ञान ने फलित ज्योतिष को भले ही स्वीकार न किया हो परंतु इतना निश्चित है कि ज्योतिष का जन्म अंधविश्वास से कदापि नहीं हुआ है। आज ज्योतिष बहुत रहस्य पूर्ण व विवादों में बना हुआ है। किसी के लिए वह बहुत बड़ा विज्ञान है तथा किसी के लिए कोरा अंधविश्वास। ज्योतिष के लिए कोई भी पाठ्यक्रम, मानदंड, कानून, आचार संहिता या कोई भी प्रशासनिक पद नहीं बना हुआ है। ये ज्योतिष की अवनति व असफलता के सबसे बड़े प्रमाण हैं। इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखकर इस पुस्तक को लिखने का प्रयास किया गया है। इस पुस्तक में केवल ज्योतिष के फलित पक्ष पर विचार किया गया है तथा किसी भी पूर्वाग्रह व पक्षपात से मुक्त होकर फलित ज्योतिष का गहन विश्लेषण तथ्यों व प्रमाणों के साथ प्रस्तुत करने की कोशिश की गई है। आज ज्योतिष यदि अंधविश्वास बना हुआ है तो उसके कुछ गहरे कारण है। इन कारणों का भी विस्तार से विवेचन इस पुस्तक में किया गया है।

यह पुस्तक चार भागों में विभक्त की गई है। प्रथम भाग में ज्योतिष की व्युत्पत्ति व अवधारणाओं पर तथा वर्तमान समय में उसकी असफलताओं पर चर्चा की गई है। दूसरे भाग में ज्योतिष के विवादित पक्ष को उजागर किया गया है। ज्योतिष के विरोध में जितने भी तर्क दिए जाते हैं उन सब का संकलन यहाँ किया गया है तथा इनका तर्कसंगत समाधान करने का प्रयास भी किया गया है। तीसरे भाग में ज्योतिष के वैज्ञानिक पक्ष पर विस्तार से विवरण दिया गया है। चौथे भाग में आज के समय में ज्योतिष की समस्याओं, उसके समाधान तथा कुछ सुझाव ज्योतिष के संवर्धन के लिए दिए गए हैं।

यह पुस्तक मेरे विचार-संप्रेषण में कितनी सफल हो पाती है इसका मूल्यांकन पाठक स्वयं ही तय करेंगे तथा अपना प्रेम व आशीर्वाद देकर मेरा उत्साह वर्धन करेंगे।

7 reviews for Phalit Jyotish – Ek Samikshatmak Vivechna tatha Vartman Samaya me Uski Prasangikta

  1. दीपक पाठक

    आपका ज्योतिष विषयक ज्ञान अद्भुत है। यह ग्रंथ समाज में
    व्याप्त ज्योतिष संबंधी भ्रम व अनस्था को दूर करने के साथ ही वर्तमान में ज्योतिष की प्रासंगिकता को सिद्ध करने में भी समर्थ है। आप सदृश ज्योतिष के प्रति आस्थावान तथा समर्पित लोगों द्वारा ही सहस्रों वर्षों से प्रवाहमान है इसकी यह सदानीरा परंपरा। साधुवाद

  2. Pranav

    किताब के नाम से ही लग रहा है, अन्य ज्योतिष की किताबों से काफ़ी अलग हो सकती है ।

  3. Pranav

    Must read

  4. Ushma Sharma

    Great work. 👍.

  5. Pooja thapa

    Nice book.

    keep it up..

  6. Pooja thapa

    Nice work.

    keep it up..

  7. Pranjal Shekhawat

    Really this book having different name so I purchased it to read because of its name. I read this and I will suggest to read this to all of interested people.

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