शकसी भी राष्ट्र की उन्नशि उसकी संस्कृशि उसका इशिहास उसका गौरव और उसके शवकास होने की प्रबि सम्भावना वहााँ की शिक्षा पद्धशि को देख कर समझा जा सकिा है शिक्षा से उस देि का भशवष्य जुड़ा होिा है। और जब वह शिक्षा अपनी जड़ों से जुड़ी हुई हो या अपनी संस्कृशि से जुड़ी हुई हो िो, वह चहाँमुखी शवकास करिी है। रोजगार के नए अवसरों को पैदा करिी है। शिक्षा व्यक्ति व समाज को शवनम्र, सहनिीि, सभ्य और शिष्ट् बनािी हैं। नई शिक्षा नीशि इन सभी मापदंडों में खरी उिरिी हैं जो भशवष्य में छात्ों को एक नई शदिा प्रदान करेगी। राष्ट्रीय शिक्षा नीशि में उन सभी शवषयों को रखा गया है शजस से भारि हर क्षेत् में उत्कृष्ठिा हाशिि करेगा, इसके शिए भारि सरकार एवं राज्य सरकार संयुि रूप से प्रयास कर रहे है। पूवण में हम इशिहास का अविोकन करे िो आक्रमर्कारीयो ने सबसे पहिे देि के पुस्तकािय , ग्रंथ , उपशनषद, वेद , वहा की शिक्तखि संस्कृशि को नष्ट् शकया िाशक वो अपने देि के गौरव और इशिहास को भूि जाए िेशकन हमारे संि ,महात्माओं और शिक्षाशवदों ने ग्रंथो को बचाया और याद रखा िाशक भारि अपने गौरविािी इशिहास प्रामाशर्क वैज्ञाशनकिा, गुरुकुि शिक्षा पद्धशि शजससे पुरे शवश्व में शिक्षा और ज्ञान का प्रसार हुआ, समाज और देि के शवकाि वािी शिक्षा पद्धशि िाशमि थी राष्ट्रीय शिक्षा नीशि व्यक्ति, समाज और देि को सवाांगीर् शवकाि की और अग्रसर करिा है इसके प्रत्येक पहिुओं पर खुिकर चचाण होनी चाशहए साथ ही इसके शक्रयान्वयन पर सभी िैक्षशर्क संस्थानों एवं सभी शिक्षको को प्रयास करना होगा। राष्ट्रीय शिक्षा नीशि राष्ट्र के सवाांगीर् शवकाि के शिए बहुि ही आवश्यक है।
प्रत्येक व्यक्ति को ईश्वर इिनी िक्ति प्रदान करे,शजससे वह राष्ट्र के शवकास में सवो योगदान दे सके। शिक्षा के शवकास कायण में अवसर प्रदान करने के शिए सवण प्रथम ईश्वर को धन्यवाद देना चाहिा हं। भारि सरकार, छत्तीसगढ़ सरकार एवं भारि सरकार द्वारा जारी राष्ट्रीय शिक्षा नीशि 2020 डराक्तटंग कशमटी के सुझाव एवं शिक्षा शविेषज्ञों, अध्यापको, प्राध्यापकों एवं प्राचायो ,शडशजटि एवं शप्रंट मीशडया के सुझाव से इस पुस्तक को शिखने में सहायिा शमिी, मै आप सभी का धन्यवाद ज्ञाशपि करिा हाँ।
मािा श्रीमिी प्रभा देवी दीवान, शपिा डॉ. प्रकाि धर दीवान और बड़े भाई डॉ. भूपेंद्र धर दीवान, मेरी पत्नी प्राची दीवान, मेरे पुत् शिवोम वधणन दीवान, मेरी पुत्ी आद्यश्री दीवान, भाई अजय शिवारी, भाई अक्षि शिवारी को धन्यवाद देना चाहिा हाँ।
मुझे मागणदिणन देने एवं प्रोत्साशहि करने के शिए माननीय कुिपशि प्रो. ए. डी. एन. बाजपेयी सर (अटि शबहारी वाजपेयी शवश्वशवद्यािय, शबिासपुर ) छत्तीसगढ़ को बहुि-बहुि धन्यवाद।
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