यह काव्य -संग्रह कविता, गीत, ग़ज़ल आदि रचनाओं का संग्रह है, जिसमें मानव मन की जिजीविषा, उत्सुकता, दुश्वारियों का हल पाने की व्याकुलता, संवेदनाओं, और वर्तमान परिस्थितियों तथा विसंगतियों का न केवल समावेश है, बल्कि उनका हल पाने की तरफ़ मन से की गई एक कोशिश भी है। यूँ भी कवि का लेखन वर्तमान परिवेश और स्थितियों का अनायास ही एक प्रतिबिंब हो जाता है। उसके अंतर्मन की अनुभूतियाँ प्रायः पाठकों के मन की भी आवाज़ हो जाती है। यह पुस्तक भी इन्हीं गुणों से ओत प्रोत है। इसमें सम सामयिक विषय, उन पर व्यंग, प्रकृति से सीख, देशभक्ति और जीवन जीने के तौर तरीक़े और जीवन दर्शन का समन्वय है। अंधेरे से रोशनी की तलाश में जाने की कोशिश है और प्रश्नों के जवाब ढूढने का प्रयास भी।
इस पुस्तक का एक प्रशंसनीय पहलू इसमें सम्मिलित रचनाओं से निकलने वाला सकारात्मक दृष्टिकोण और आशावादिता है। इसमें निराश होकर रुक जाने की जगह मुश्किलों के निराकरण, निवारण और आगे बढ़ने का साफ़ आग्रह दिखायी देता है।
रचनाओं की भाषा सीधी साधी, सरल और मन को छूनेवाली है। आसान बोल चाल की भाषा और प्रचलित हिन्दी उर्दू के शब्दों का प्रयोग किया गया है। मन के भावों का प्रकट करना ही पुस्तक का मुख्य उद्देश्य प्रतीत होता है। रचनाओं के संरचना के नियम इत्यादि की तरफ़ अत्यधिक ध्यान न देकर भाव संप्रेषण की तरफ़ ध्यान केंद्रित किया गया है।
संक्षेप में यही कवि “हमदम”की अंतर्मन की, मन के सोच की आप के मन को छूने की एक ईमानदार कोशिश है।
यह संग्रह आपको पसंद आएगा , ऐसी आशा है।
आपके सुझावों का हार्दिक स्वागत है।
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