यह कहानी एक महान संत आत्मा पर आधारित है | इस कहानी मे एक लेखक के माध्यम से एक महान संत आत्मा के बारे मे उल्लेख किया गया है |और साथ मे ही, एक लेखक के माध्यम से महान संत आत्मा के बारे बताया गया है, कि एक महान संत आत्मा कैसी होतीं है, और एक महान संत आत्मा मे कौन कौन से गुण बिद्यमान होते है | और साथ मे ही इस कहानी मे मे लेखक के माध्यम से पारस पथरी के दिव्य गुणों के बारे मे भी बहुत ही अच्छी तरह से समझाने की कोशिश की है कि एक दिव्य पारस पथरी मे आमतौर पर कौन – कौन से गुण पाय जाते है और यह अपने आपमें कितनी विशेष दिव्य से पूर्ण होतीं है
इस किताब मे लेखक ने दूसरा पाठ
उड़न खटोला लिया है | यह पाठ पुराने समय की यादों का ताजा करता है इस कहानी मे एक दीप नाम का पात्र है यह पात्र ही कहानी केंद्र भाग है |
इस किताब मे लेखक ने तीसरा पाठ – भाग्य का लेखा -जोखा है लिया है यह पाठ भी अपने आप मे मिसाल है इस कहानी मे मनुष्य के भाग्य के बारे मे अच्छी से बताने की कोशिश की गयी है |
इस किताब मे लेखक ने चौथा पाठ लिया है बिद्यमान पंडित लिया है इस कहानी मे पंडित जी केन्द्र है यह कहानी भी भी बहुत ही अच्छी है शिक्षा देने बाली और सीख लेने बाली है
इस कहानी मे लेखक ने पांचवा पाठ = इच्छा धारी नाग नागिन लिया है यह बहुत ही अच्छा पाठ यह पाठ इच्छा धारी नाग नागीन पर केन्द्रित है |
इस किताब मे लेखक के माध्यम से छठा पाठ = पाँच ठग चुना गया है | यह पाठ पुराने समय की यादों को व्या करता है | इस पाठ मे पाँच पात्र (पांच ठग) है
इस किताब मे लेखक के माध्यम से सातवा पाठ -अपना -अपना भाग्य लिया गया है |यह पाठ भी अपने आपमे बहुत सुंदर पाठ है एक अच्छी सीख देने पाठ है |
इस किताब मे लेखक के माध्यम से आठवा पाठ – सात चोर लिया गया है |इस पाठ मे सात पात्र है |
इस किताब मे लेखक के माध्यम से नौ वा पाठ = एक परा क्रमी राजा और महान संत लिया है यह पाठ भी एक संत पर केंद्रित है और यह भी एक महान संत की गाथा दर्शाता है | आप सभी से निवेदन है कि इस किताब के सभी पाठ ही बहुत अच्छे है एक जरूर पढ़े |
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